उन्होंने सागर की गहराई नापी तो पाया कि वहाँ कोई अस्सी हाथ गहराई थी। थोड़ी देर बाद उन्होंने पानी की गहराई फिर नापी और पाया कि अब गहराई साठ हाथ रह गयी थी।
मैं तुम्हें कोई भिन्न देशों में नहीं भेज रहा हूँ जहाँ लोग ऐसी भाषा बोलते हैं कि तुम समझ नहीं सकते। यदि तुम उन लोगों के पास जाओगे और उनसे बातें करोगे तो वे तुम्हारी सुनेंगे। किन्तु तुम्हें उन कठिन भाषाओं को नहीं समझना है।
इस डर से कि वे कहीं किसी चट्टानी उथले किनारे में न फँस जायें, उन्होंने जहाज़ के पिछले हिस्से से चार लंगर फेंके और प्रार्थना करने लगे कि किसी तरह दिन निकल आये।