जब दक्षिणी पवन हौले-हौले बहने लगा तो उन्होंने सोचा कि जैसा उन्होंने चाहा था, वैसा उन्हें मिल गया है। सो उन्होंने लंगर उठा लिया और क्रीत के किनारे-किनारे जहाज़ बढ़ाने लगे।
किन्तु अय्यूब, तुम ये बातें नहीं जानते। तुम बस इतना जानते है कि तुमको पसीना आता है और तेरे वस्त्र तुझ से चिपके रहते हैं, और सब कुछ शान्त व स्थिर रहता है, जब दक्षिण से गर्म हवा आती है।
जागो, हे उत्तर की हवा! आ, तू दक्षिण पवन! मेरे उपवन पर बह। जिससे इस की मीठी, गन्ध चारों ओर फैल जाये। मेरा प्रिय मेरे उपवन में प्रवेश करे और वह इसका मधुर फल खाये।
और वह बन्दरगाह शीत ऋतु के अनुकूल नहीं था, इसलिए अधिकतर लोगों ने, यदि हो सके तो फिनिक्स पहुँचने का प्रयत्न करने की ही ठानी। और सर्दी वहीं बिताने का निश्चय किया। फिनिक्स क्रीत का एक ऐसा बन्दरगाह है जिसका मुख दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दोनों के ही सामने पड़ता है।
बहुत दिनों से किसी ने भी कुछ खाया नहीं था। तब पौलुस ने उनके बीच खड़े होकर कहा, “हे पुरुषो यदि क्रीत से रवाना न होने की मेरी सलाह तुमने मानी होती तो तुम इस विनाश और हानि से बच जाते।