किन्तु क्योंकि यह विषय शब्दों नामों और तुम्हारी अपनी व्यवस्था के प्रश्नों से सम्बन्धित है, इसलिए इसे तुम अपने आप ही निपटो। ऐसे विषयों में मैं न्यायाधीश नहीं बनना चाहता।”
सो अगले दिन अग्रिप्पा और बिरनिके बड़ी सजधज के साथ आये और उन्होंने सेनानायकों तथा नगर के प्रमुख व्यक्तियों के साथ सभा भवन में प्रवेश किया। फेस्तुस ने आज्ञा दी और पौलुस को वहाँ ले आया गया।