इसलिये मैंने तुम्हें दण्ड दिया। मैंने तुम्हें अनुमोदित की गई भूमि का एक भाग ले लिया। मैंने तुम्हारे शत्रु पलिश्तियों की पुत्रियों (नगरों) को वह करने दिया जो वे तुम्हारा करना चाहती थीं। जो पाप तुमने किये उससे उनके भी मर्म पर चोट पहुँची।
मैंने उनसे कहा, ‘रोमियों में ऐसा चलन नहीं है कि किसी व्यक्ति को, जब तक वादी-प्रतिवादी को आमने-सामने न करा दिया जाये और उस पर लगाये गये अभियोगों से उसे बचाव का अवसर न दे दिया जाये, उसे दण्ड के लिये सौंपा जाये।’
“हे राजा अग्रिप्पा! मैं अपने आप को भाग्यवान समझता हूँ कि यहूदियों ने मुझ पर जो आरोप लगाये हैं, उन सब बातों के बचाव में, मैं तेरे सामने बोलने जा रहा हूँ।
किन्तु प्रभु ने उससे कहा, “तू जा क्योंकि इस व्यक्ति को विधर्मियों, राजाओं और इस्राएल के लोगों के सामने मेरा नाम लेने के लिये, एक साधन के रूप में मैंने चुना है।