किन्तु मैं तुमसे कहता हूँ कि जो व्यक्ति अपने भाई पर क्रोध करता है, उसे भी अदालत में इसके लिये उत्तर देना होगा और जो कोई अपने भाई का अपमान करेगा उसे सर्वोच्च संघ के सामने जवाब देना होगा और यदि कोई अपने किसी बन्धु से कहे ‘अरे असभ्य, मूर्ख।’ तो नरक की आग के बीच उस पर इसकी जवाब देही होगी।
क्योंकि वह सेनानायक इस बात का ठीक ठीक पता लगाना चाहता था कि यहूदियों ने पौलुस पर अभियोग क्यों लगाया, इसलिये उसने अगले दिन उसके बन्धन खोलदिए। फिर प्रमुख याजकों और सर्वोच्च यहूदी महासभा को बुला भेजा और पौलुस को उनके सामने लाकर खड़ा कर दिया।
क्योंकि यह विवाद हिंसक रूप ले चुका था, इससे वह सेनापति डर गया कि कहीं वे पौलुस के टुकड़े-टुकड़े न कर डालें। सो उसने सिपाहियों को आदेश दिया कि वे नीचे जा कर पौलुस को उनसे अलग करके छावनी में ले जायें।