“मैंने पूछा, ‘हे प्रभु, मैं क्या करूँ?’ इस पर प्रभु ने मुझसे कहा, ‘खड़ा हो, और दमिश्क को चला जा। वहाँ तुझे वह सब बता दिया जायेगा, जिसे करने के लिये तुझे नियुक्त किया गया है।’
इसीलिए मैंने तुरंत तुझे बुलवा भेजा और तूने यहाँ आने की कृपा करके बहुत अच्छा किया। सो अब प्रभु ने जो कुछ आदेश तुझे दिये हैं, उस सब कुछ को सुनने के लिये हम सब यहाँ परमेश्वर के सामने उपस्थित हैं।”