सो सारा नगर विरोध में उठ खड़ा हुआ। लोग दौड़-दौड़ कर चढ़ आये और पौलुस को पकड़ लिया। फिर वे उसे घसीटते हुए मन्दिर के बाहर ले गये और तत्काल फाटक बंद कर दिये गये।
याजक यहोयादा ने सैनिकों की व्यवस्था के अधिकारी सेनापतियों को आदेश दिया। यहोयादा ने उनसे कहा, “अतल्याह को मन्दिर के क्षेत्र से बाहर ले जाओ। उसके किसी भी साथ देने वाले को मार डालो। किन्तु उन्हें यहोवा के मन्दिर में मत मारो।”
सो वे खड़े हुए और उन्होंने उसे नगर से बाहर धकेल दिया। वे उसे पहाड़ की उस चोटी पर ले गये जिस पर उनका नगर बसा था ताकि वे वहाँ चट्टान से उसे नीचे फेंक दें।
उधर सारे नगर में अव्यवस्था फैल गयी। सो लोगों ने मकिदुनिया से आये तथा पौलुस के साथ यात्रा कर रहे गयुस और अरिस्तर्रवुस को धर दबोचा और उन्हें रंगशाला में ले भागे।