इन दिनों के बाद फिर हम तैयारी करके यरूशलेम को चल पड़े।
फिर कैसरिया पहुँच कर वह यरूशलेम गया और वहाँ कलीसिया के लोगों से भेंट की। फिर वह अन्ताकिया की ओर चला गया।
इन घटनाओं के बाद पौलुस ने अपने मन में मकिदुनिया और अखाया होते हुए यरूशलेम जाने का निश्चय किया। उसने कहा, “वहाँ जाने के बाद मुझे रोम भी देखना चाहिए।”
हमने जब यह सुना तो हमने और वहाँ के लोगों ने उससे यरूशलेम न जाने की प्रार्थना की।
फिर फेस्तुस ने उस प्रदेश में प्रवेश किया और तीन दिन बाद वह कैसरिया से यरूशलेम को रवाना हो गया।
उनके साथ कोई आठ दस दिन बात कर फेस्तुस कैसरिया चला गया। अगले ही दिन अदालत में न्यायासन पर बैठ कर उसने आज्ञा दी कि पौलुस को पेश किया जाये।
फेस्तुस यहूदियों को प्रसन्न करना चाहता था, इसलिए उत्तर में उसने पौलुस से कहा, “तो क्या तू यरूशलेम जाना चाहता है ताकि मैं वहाँ तुझ पर लगाये गये इन अभियोगों का न्याय करूँ?”