किन्तु मेरे लिये मेरे प्राणों का कोई मूल्य नहीं है। मैं तो बस उस दौड़ धूप और उस सेवा को पूरा करना चाहता हूँ जिसे मैंने प्रभु यीशु से ग्रहण किया है वह है—परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार की साक्षी देना।
तब तीन वीरों ने पलिश्ती सेना के बीच से युद्ध करते हुए अपना रास्ता बनाया और नगर—द्वार के निकट बेतलेहेम के कुएँ से पानी लिया। तीनों वीर दाऊद के पास पानी ले गए। किन्तु दाऊद ने पानी पीने से इन्कार कर दिया। उसने पानी को यहोवा के नाम पर अर्पण कर, उण्डेल दिया।
जब बरनाबास ने वहाँ पहुँच कर प्रभु के अनुग्रह को सकारथ होते देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ और उसने उन सभी को प्रभु के प्रति भक्तिपूर्ण ह्रदय से विश्वासी बने रहने को उत्साहित किया।
यूहन्ना जब अपने काम को पूरा करने को था, तो उसने कहा था, ‘तुम मुझे जो समझते हो, मैं वह नहीं हूँ। किन्तु एक ऐसा है जो मेरे बाद आ रहा है। मैं जिसकी जूतियों के बन्ध खोलने के लायक भी नहीं हूँ।’
सो पौलुस और बरनाबास वहाँ बहुत दिनों तक ठहरे रहे तथा प्रभु के विषय में निर्भयता से प्रवचन करते रहे। उनके द्वारा प्रभु अद्भुत चिन्ह और आश्चर्यकर्मों को करवाता हुआ अपने दया के संदेश की प्रतिष्ठा कराता रहा।
एक लम्बे चौड़े वाद-विवाद के बाद पतरस खड़ा हुआ और उनसे बोला, “भाइयो! तुम जानते हो कि बहुत दिनों पहले तुममें से प्रभु ने एक चुनाव किया था कि मेरे द्वारा अधर्मी लोग सुसमाचार का संदेश सुनेंगे और विश्वास करेंगे।
जब वे मकिदुनिया से सिलास और तिमुथियुस आये तब पौलुस ने अपना सारा समय वचन के प्रचार में लगा रखा था। वह यहूदियों को यह प्रमाणित किया करता था कि यीशु ही मसीह है।
यहूदियों और यूनानियों को मैं समान भाव से मन फिराव के परमेश्वर की तरफ़ मुड़ने को कहता रहा हूँ और हमारे प्रभु यीशु में विश्वास के प्रति उन्हें सचेत करता रहा हूँ।
“अब मैं तुम्हें परमेश्वर और उसके सुसंदेश के अनुग्रह के हाथों सौंपता हूँ। वही तुम्हारा निर्माण कर सकता है और तुम्हें उन लोगों के साथ जिन्हें पवित्र किया जा चुका है, तुम्हारा उत्तराधिकार दिला सकता है।
इस पर पौलुस ने उत्तर दिया, “इस प्रकार रो-रो कर मेरा दिल तोड़ते हुए यह तुम क्या कर रहे हो? मैं तो यरूशलेम में न केवल बाँधे जाने के लिये बल्कि प्रभु यीशु मसीह के नाम पर मरने तक को तैयार हूँ।”
किन्तु प्रभु ने उससे कहा, “तू जा क्योंकि इस व्यक्ति को विधर्मियों, राजाओं और इस्राएल के लोगों के सामने मेरा नाम लेने के लिये, एक साधन के रूप में मैंने चुना है।
और यदि यह परमेश्वर के अनुग्रह का परिणाम है तो लोग जो कर्म करते हैं, यह उन कर्मों का परिणाम नहीं है। नहीं तो परमेश्वर की अनुग्रह, अनुग्रह ही नहीं ठहरती।
सो मेरे प्यारे भाइयो, अटल बने डटे रहो। प्रभु के कार्य के प्रति अपने आपको सदा पूरी तरह समर्पित कर दो। क्योंकि तुम तो जानते ही हो कि प्रभु में किया गया तुम्हारा कार्य व्यर्थ नहीं है।
इस प्रकार मसीह की ओर से मैं अपनी निर्बलताओं, अपमानों, कठिनाइयों, यातनाओं और बाधाओं में आनन्द लेता हूँ क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूँ, तभी शक्तिशाली होता हूँ।
पौलुस की ओर से, जो एक प्रेरित है, जिसने एक ऐसा सेवा व्रत धारण किया है, जो उसे न तो मनुष्यों से प्राप्त हुआ है और न किसी एक मनुष्य द्वारा दिया गया है, बल्कि यीशु मसीह द्वारा उस परम पिता परमेश्वर से, जिसने यीशु मसीह को मरे हुओं में से फिर से जिला दिया था, दिया गया है।
उसने ऐसा इसलिए किया कि वह अपनी महिमामय अनुग्रह के कारण स्वयं को प्रशंसित करे। उसने इसे हमें, जो उसके प्रिय पुत्र में स्थित हैं मुक्त भाव से प्रदान किया।
तुम्हारा विश्वास एक बलि के रूप में है और यदि मेरा लहू तुम्हारी बलि पर दाखमधु के समान उँडेल दिया भी जाये तो मुझे प्रसन्नता है। तुम्हारी प्रसन्नता में मेरा भी सहभाग है।
क्योंकि मसीह के काम के लिये वह लगभग मर गया था ताकि तुम्हारे द्वारा की गयी मेरी सेवा में जो कभी रह गई थी, उसे वह पूरा कर दे, इसके लिये उसने अपने प्राणों की बाजी लगा दी।
अब देखो, मैं तुम्हारे लिये जो कष्ट उठाता हूँ, उनमें आनन्द का अनुभव करता हूँ और मसीह की देह, अर्थात् कलीसिया के लिये मसीह की यातनाओं में जो कुछ कमी रह गयी थी, उसे अपने शरीर में पूरा करता हूँ।
तुम जानते हो कि फिलिप्पी में यातनाएँ झेलने और दुर्व्यवहार सहने के बाद भी परमेश्वर की सहायता से हमें कड़े विरोध के रहते हुए भी परमेश्वर के सुसमाचार को सुनाने का साहस प्राप्त हुआ।
और यही कारण है जिससे मैं इन बातों का दुःख उठा रहा हूँ। और फिर भी लज्जित नहीं हूँ क्योंकि जिस पर मैंने विश्वास किया है, मैं उसे जानता हूँ और मैं यह मानता हूँ कि उसने मुझे जो सौंपा है, वह उसकी रक्षा करने में समर्थ है जब तक वह दिन आये,
मेरी उन यातनाओं और पीड़ाओं में मेरा साथ दिया है तुम तो जानते ही हो कि अंताकिया, इकुनियुम और लुस्त्रा में मुझे कितनी भयानक यातनाएँ दी गयी थीं जिन्हें मैंने सहा था। किन्तु प्रभु ने उन सबसे मेरी रक्षा की।
मेरे पक्ष में तो प्रभु ने खड़े होकर मुझे शक्ति दी। ताकि मेरे द्वारा सुसमाचार का भरपूर प्रचार हो सके, जिसे सभी ग़ैर यहूदी सुन पायें। सिंह के मुँह से मुझे बचा लिया गया है।
तुमने, जो बंदीगृह में पड़े थे, उनसे सहानुभूति की तथा अपनी सम्पत्ति का जब्त किया जाना सहर्ष स्वीकार किया क्योंकि तुम यह जानते थे कि स्वयं तुम्हारे अपने पास उनसे अच्छी और टिकाऊ सम्पत्तियाँ हैं।
मैंने तुम्हें यह छोटा-सा पत्र, सिलवानुस के सहयोग से, जिसे मैं अपना विश्वासपूर्ण भाई मानता हूँ, तुम्हें प्रोत्साहित करने के लिए कि परमेश्वर का सच्चा अनुग्रह यही है, इस बात की साक्षी देने के लिए लिखा है। इसी पर डटे रहो।
उनमें से हर एक को सफेद चोगा प्रदान किया गया तथा उनसे कहा गया कि वे थोड़ी देर उस समय तक, प्रतीक्षा और करें जब तक कि उनके उन साथी सेवकों और बंधुओं की संख्या पूरी नहीं हो जाती जिनकी वैसे ही हत्या की जाने वाली है, जैसे तुम्हारी की गयी थी।