जैसा कि दाऊद ने उसके विषय में कहा है: ‘मैंने प्रभु को सदा ही अपने सामने देखा है। वह मेरी दाहिनी ओर विराजता है, ताकि मैं डिग न जाऊँ।
क्यों? क्योंकि यहोवा असहाय लोगों का साथ देता है। परमेश्वर उनको दूसरे लोगों से बचाता है, जो प्राणदण्ड दिलवाकर उनके प्राण हरने का यत्न करते हैं।
मेरे स्वामी, तूने उस दिन अपना क्रोध प्रकट किया था। अपने महाशक्ति को काम में लिया था और दूसरे राजाओं को तूने हरा दिया था।
राजा को सचमुच यहोवा पर भरोसा है, सो परम परमेश्वर उसे निराश नहीं करेगा।
मैं अब यह कह सकता हूँ, और मैं जानता हूँ यह निश्चय सत्य है, “मैं कभी नहीं हारुँगा!”
परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है। ऊँचे पर्वत पर, परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है। मुझको महा सेनायें भी पराजित नहीं कर सकतीं।
परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है। ऊँचे पर्वत में परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है।
वह सब कुछ मेरे पास है, जिसकी मुझे अपेक्षा है। मैं तेरे साथ हरदम हूँ। हे परमेश्वर, तू मेरा हाथ थामें है।
मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैंने तेरा सीधा हाथ थाम रखा है। मैं तुझ से कहता हूँ कि मत डर! मैं तुझे सहारा दूँगा।
वे दोनों ही धर्मी थे। वे बिना किसी दोष के प्रभु के सभी आदेशों और नियमों का पालन करते थे।
सुनो, समय आ रहा है, बल्कि आ ही गया है जब तुम सब तितर-बितर हो जाओगे और तुम में से हर कोई अपने-अपने घर लौट जायेगा और मुझे अकेला छोड़ देगा किन्तु मैं अकेला नहीं हूँ क्योंकि मेरा परम पिता मेरे साथ है।
इससे मेरा हृदय प्रसन्न है और मेरी वाणी हर्षित है; मेरी देह भी आशा में जियेगी,