फिर उसने उनसे कहा, “ये बातें वे हैं जो मैंने तुमसे तब कही थीं, जब मैं तुम्हारे साथ था। हर वह बात जो मेरे विषय में मूसा की व्यवस्था में नबियों तथा भजनों की पुस्तक में लिखा है, पूरी होनी ही हैं।”
तुम शास्त्रों का अध्ययन करते हो क्योंकि तुम्हारा विचार है कि तुम्हें उनके द्वारा अनन्त जीवन प्राप्त होगा। किन्तु ये सभी शास्त्र मेरी ही साक्षी देते हैं।
और शास्त्रों से लेकर उन्हें समझाते हुए यह सिद्ध करता रहा कि मसीह को यातनाएँ झेलनी ही थीं और फिर उसे मरे हुओं में से जी उठना था। वह कहता, “यह यीशु ही, जिसका मैं तुम्हारे बीच प्रचार करता हूँ, मसीह है।”
उसे प्रभु के मार्ग की दीक्षा भी मिली थी। वह हृदय में उत्साह भर कर प्रवचन करता तथा यीशु के विषय में बड़ी सावधानी से उपदेश देता था। यद्यपि उसे केवल यूहन्ना के बपतिस्मा का ही ज्ञान था।
जब वे मकिदुनिया से सिलास और तिमुथियुस आये तब पौलुस ने अपना सारा समय वचन के प्रचार में लगा रखा था। वह यहूदियों को यह प्रमाणित किया करता था कि यीशु ही मसीह है।