और इस प्रकार उन्होंने यासोन तथा दूसरे लोगों को ज़मानती मुचलका लेकर छोड़ दिया।
पर यहूदी तो डाह में जले जा रहे थे। उन्होंने कुछ बाजारू गुँडों को इकट्ठा किया और एक हुजूम बना कर नगर में दंगे करा दिये। उन्होंने यासोन के घर पर धावा बोल दिया। और यह कोशिश करने लगे कि किसी तरह पौलुस और सिलास को लोगों के सामने ले आयें।
जब भीड़ ने और नगर के अधिकारियों ने यह सुना तो वे भड़क उठे।