फिर जेल के अधिकारी ने ये बातें पौलुस को बतायीं कि दण्डाधिकारी ने तुम्हें छोड़ देने के लिये कहलवा भेजा है। इसलिये अब तुम बाहर आओ और शांति के साथ चले जाओ।
तब मूसा अपने ससुर यित्रो के पास लौटा। मूसा ने यित्रो से कहा, “मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि मुझे मिस्र में अपने लोगों के पास जाने दें। मैं यह देखना चाहता हूँ कि क्या वे अभी तक जीवित हैं?” यित्रो ने मूसा से कहा, “तुम शान्तिपूर्वक जा सकते हो।”
“मैं तुम्हारे लिये अपनी शांति छोड़ रहा हूँ। मैं तुम्हें स्वयं अपनी शांति दे रहा हूँ पर तुम्हें इसे मैं वैसे नहीं दे रहा हूँ जैसे जगत देता है। तुम्हारा मन व्याकुल नहीं होना चाहिये और न ही उसे डरना चाहिये।
जेल के अधिकारी ने जाग कर जब देखा कि जेल के फाटक खुले पड़े हैं तो उसने अपनी तलवार खींच ली और यह सोचते हुए कि कैदी भाग निकले हैं वह स्वयं को जब मारने ही वाला था तभी
योनातान ने दाऊद से कहा, “शान्तिपूर्वक जाओ। हम लोगों ने यहोवा का नाम लेकर मित्र होने की प्रतिज्ञा की थी। हम लोगों ने कहा था कि यहोवा हम लोगों और हमारे वंशजों के बीच सदा साक्षी रहेगा।”
तब दाऊद ने अबीगैल की भेंट को स्वीकार किया। दाऊद ने उससे कहा, “शान्ति से घर जाओ। मैंने तुम्हारी बातें सुनी हैं और मैं वही करूँगा जो तुमने करने को कहा है।”