तब जिन राजकीय अधिकारियों ने यिर्मयाह के उस कथन को सुना जिसे वह लोगों से कह रहा था, वे राजा सिदकिय्याह के पास गए। उन्होंने राजा से कहा, “यिर्मयाह को अवश्य मार डालना चाहिये। वह उन सैनिकों को भी हतोत्साहित कर रहा है जो अब तक नगर में हैं। यिर्मयाह जो कुछ कह रहा है उससे वह हर एक का साहस तोड़ रहा है। यिर्मयाह हम लोगों का भला होता नहीं देखना चाहता। वह यरूशलेम के लोगों को बरबाद करना चाहता है।”