वह परमेश्वर से डरने वाला भक्त था और उसका परिवार भी वैसा ही था। वह गरीब लोगों की सहायता के लिये उदारतापूर्वक दान दिया करता था और सदा ही परमेश्वर की प्रार्थना करता रहता था।
उन्हें हाथ से चुप रहने का संकेत करते हुए उसने खोलकर बताया कि प्रभु ने उसे जेल से कैसे बाहर निकाला है। उसने कहा, “याकूब तथा अन्य बन्धुओं को इस विषय में बता देना।” और तब वह उस स्थान को छोड़कर किसी दूसरे स्थान को चला गया।
किन्तु पौलुस और बरनाबास ने निडर होकर कहा, “यह आवश्यक था कि परमेश्वर का वचन पहले तुम्हें सुनाया जाता किन्तु क्योंकि तुम उसे नकारते हो तथा तुम अपने आपको अनन्त जीवन के योग्य नहीं समझते, सो हम अब गैर यहूदियों की ओर मुड़ते हैं।
यहूदियों ने सिकन्दर को जिसका नाम भीड़ में से उन्होंने सुझाया था, आगे खड़ा कर रखा था। सिकन्दर ने अपने हाथों को हिला हिला कर लोगों के सामने बचाव पक्ष प्रस्तुत करना चाहा।
फिर उन ग्यारहों के साथ पतरस खड़ा हुआ और ऊँचे स्वर में लोगों को सम्बोधित करने लगा, “यहूदी साथियो और यरूशलेम के सभी निवासियो! इसका अर्थ मुझे बताने दो। मेरे शब्दों को ध्यान से सुनो।
“हे इस्राएल के लोगों, इन वचनों को सुनो: नासरी यीशु एक ऐसा पुरुष था जिसे परमेश्वर ने तुम्हारे सामने अद्भुत कर्मों, आश्चर्यों और चिन्हों समेत जिन्हें परमेश्वर ने उसके द्वारा किया था तुम्हारे बीच प्रकट किया। जैसा कि तुम स्वयं जानते ही हो।
उससे अनुमति पा कर पौलुस ने सीढ़ियों पर खड़े होकर लोगों की तरफ़ हाथ हिलाते हुए संकेत किया। जब सब शांत हो गये तो पौलुस इब्रानी भाषा में लोगों से कहने लगा।
पतरस ने जब यह देखा तो वह लोगों से बोला, “हे इस्राएल के लोगों, तुम इस बात पर चकित क्यों हो रहे हो? ऐसे घूर घूर कर हमें क्यों देख रहे हो, जैसे मानो हमने ही अपनी शक्ति या भक्ति के बल पर इस व्यक्ति को चलने फिरने योग्य बना दिया है।
“जो सुन सकता है, वह सुने कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कह रहा है! “जो विजयी होगा, मैं उसे स्वर्ग में छिपा मन्ना दूँगा। मैं उसे एक श्वेत पत्थर भी दूँगा जिस पर एक नया नाम अंकित होगा। जिसे उसके सिवा और कोई नहीं जानता जिसे वह दिया गया है।
“जिसके पास कान हैं, वह उसे सुने जो आत्मा कलीसियाओं से कह रहा है। जो विजय पाएगा मैं उसे परमेश्वर के उपवन में लगे जीवन के वृक्ष से फल खाने का अधिकार दूँगा।