तब मैं तुम्हारे ऊपर शुद्ध जल छिड़कूँगा और तुम्हें शुद्ध करुँगा। मैं तुम्हारी सारी गन्दगियों को धो डालूँगा और उन घृणित देवमूर्तियों से उत्पन्न गन्दगी को धो डालूँगा।”
इसके बाद, मैं तुम सब पर अपनी आत्मा उंडेलूँगा। तुम्हारे पुत्र—पुत्रियाँ भविष्यवाणी करेंगे। तुम्हारे बूढ़े दिव्य स्वप्नों को देखेंगे। तुम्हारे युवक दर्शन करेंगे।
उस दिन मधुर दाखमधु पर्वत से टपकेगा। पहाड़ों से दूध की नदियाँ और यहूदा की सभी सूखी नदियाँ बहते हुए जल से भर जायेंगी। यहोवा के मन्दिर से एक फव्वारा फूटेगा जो शित्तीम की घाटी को पानी से सींचेगा।
“मैं तो तुम्हें तुम्हारे मन फिराव के लिये जल से बपतिस्मा देता हूँ किन्तु वह जो मेरे बाद आने वाला है, मुझ से महान है। मैं तो उसके जूते के तस्मे खोलने योग्य भी नहीं हूँ। वह तुम्हें पवित्र आत्मा और अग्नि से बपतिस्मा देगा।
तभी यूहन्ना ने यह कहते हुए उन सब को उत्तर दिया: “मैं तो तुम्हें जल से बपतिस्मा देता हूँ किन्तु वह जो मुझ से अधिक सामर्थ्यवान है, आ रहा है, और मैं उसके जूतों की तनी खोलने योग्य भी नहीं हूँ। वह तुम्हें पवित्र आत्मा और अग्नि द्वारा बपतिस्मा देगा।
किन्तु मैंने तुमसे यह इसलिये कहा है ताकि जब उनका समय आये तो तुम्हें याद रहे कि मैंने उनके विषय में तुमको बता दिया था। “आरम्भ में ये बातें मैंने तुम्हें नहीं बतायी थीं क्योंकि मैं तुम्हारे साथ था।
मैंने अपने हर कर्म से तुम्हें यह दिखाया है कि कठिन परिश्रम करते हुए हमें निर्बलों की सहायता किस प्रकार करनी चाहिये और हमें प्रभु यीशु का वह वचन याद रखना चाहिये जिसे उसने स्वयं कहा था, ‘लेने से देने में अधिक सुख है।’”
क्योंकि चाहे हम यहूदी रहे हों, चाहे ग़ैर यहूदी, सेवक रहे हों या स्वतन्त्र। एक ही देह के विभिन्न अंग बन जाने के लिए हम सब को एक ही आत्मा द्वारा बपतिस्मा दिया गया और प्यास बुझाने को हम सब को एक ही आत्मा प्रदान की गयी।
हे प्यारे मित्रों, अब यह दूसरा पत्र है जो मैं तुम्हें लिख रहा हूँ। इन दोनों पत्रों में उन बातों को याद दिलाकर मैंने तुम्हारे पवित्र हृदयों को जगाने का जतन किया है,