“सर्वशक्तिमान परमेश्वर क्यों नहीं न्याय करने के लिये समय नियुक्त करता है? लोग जो परमेश्वर को मानते हैं उन्हें क्यों न्याय के समय की व्यर्थ बाट जोहनी पड़ती है
वह ही समय को बदलता है वह ही वर्ष के ऋतओं को बदलता है। वह ही राजाओं को बदलता है। वही राजाओं को शक्ति देता है और वही छीन लेता है। वही बुद्धि देता है और लोग बुद्धिमान बन जाते हैं। वही लोगों को ज्ञान देता है और लोग ज्ञानी बन जाते हैं।
यीशु उनसे बोला, “निश्चय ही तुम वह प्याला पीयोगे। किन्तु मेरे दाएँ और बायें बैठने का अधिकार देने वाला मैं नहीं हूँ। यहाँ बैठने का अधिकार तो उनका है, जिनके लिए यह मेरे पिता द्वारा सुरक्षित किया जा चुका है।”
वे तलवार की धार से गिरा दिये जायेंगे। और बंदी बना कर सब देशों में पहुँचा दिये जायेंगे और यरूशलेम गैंर यहूदियों के पैरों तले तब तक रौंदा जायेगा जब तक कि ग़ैर यहूदियों का समय पूरा नहीं हो जाता।
एक ही मनुष्य से उसने मनुष्य की सभी जातियों का निर्माण किया ताकि वे समूची धरती पर बस जायें और उसी ने लोगों का समय निश्चित कर दिया और उस स्थान की, जहाँ वे रहें सीमाएँ बाँध दीं।
“कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें यहोवा हमारे परमेश्वर ने गुप्त रखा है। उन बातों को केवल वह ही जानता है। किन्तु यहोवा ने हमें अपने नियमों की जानकारी दी है! वह व्यवस्था हमारे लिये और हमारे वंशजों के लिये है। हमें इसका पालन सदैव करना चाहिए!