फिर मेमने ने जब चौथी मुहर खोली तो चौथे प्राणी को मैंने कहते सुना, “आ!”
तब वे चले गये और उस पत्थर पर मुहर लगा कर और पहरेदारों को वहाँ बैठा कर कब्र को सुरक्षित कर दिया।
पहला प्राणी सिंह के समान था, दूसरा प्राणी बैल के जैसा था, तीसरे प्राणी का मुख मनुष्य के जैसा था और चौथा प्राणी उड़ते हुए गरूड़ जैसा था।
मैंने देखा कि मेमने ने सात मुहरों में से एक को खोला तभी उन चार प्राणियों में से एक को मैंने मेघ गर्जना जैसे स्वर में कहते सुना, “आ!”
जब मेमने ने दूसरी मुहर तोड़ी तो मैंने दूसरे प्राणी को कहते सुना, “आ!” इस पर अग्नि के समान लाल रंग का
मेमने ने जब तीसरी मुहर तोड़ी तो मैंने तीसरे प्राणी को कहते सुना, “आ!” जब मैंने दृष्टि उठायी तो वहाँ मेरे सामने एक काला घोड़ा खड़ा था। उस पर बैठे सवार के हाथ में एक तराजू थी।