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क्रॉस रेफरेंस
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प्रकाशितवाक्य 18:3

पवित्र बाइबल

क्योंकि उसने सब जनों को व्यभिचार के क्रोध की मदिरा पिलायी थी। इस जगत के शासकों ने जो स्वयं जगाई थी उससे व्यभिचार किया था। और उसके भोग व्यय से जगत के व्यापारी सम्पन्न बने थे।”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

17 क्रॉस रेफरेंस  

ऐसा ही हर वस्तु के साथ में घटेगा जिनके लिये तूने कड़ी मेहनत की। तेरे जीवन भर जिन से तेरा व्यापार रहा, वे ही व्यक्ति तुझे त्याग जायेंगे। हर कोई अपनी—अपनी राह चला जायेगा। कोई भी व्यक्ति तुझको बचाने को नहीं बचेगा।”

“बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने अतीत में हमें नष्ट किया। अतीत में नबूकदनेस्सर ने हमें चोट पहुँचाई। अतीत में वह हमारे लोगों को ले गया और हम खाली घड़े से हो गए। उसने हमारी सर्वोत्तम चीज़ें लीं। वह विशाल दानव की तरह था जो तब तक सब कुछ खाता गया जब तक उसका पेट न भरा। वह सर्वोत्तम चीज़ें ले गया, और हम लोगों को दूर फेंक दिया।

बाबुल यहोवा के हाथ का सुनहले प्याले जैसा था। बाबुल ने पूरी पृथ्वी को मतवाला बना डाला। राष्ट्रों ने बाबुल की दाखमधु पी। अत: वे पागल हो उठे।

ऐसे लोग जो स्वादिष्ट भोजन खाया करते थे, आज भूख से गलियों में मर रहे हैं। ऐसे लोग जो उत्तम वस्त्र पहनते हुए पले बढ़े थे, अब कूड़े के ढेरों पर बीनते फिरते हैं।

यह सब कछ नीनवे के कारण घटा है। नीनवे उस वेश्या सी है जो कभी तृप्ति नहीं होती, उसको और अधिक, और अधिक चाहिये था। उसने अपने को बहुत सारे देशों को बेच दिया था और उसने उनको अपना दास बनाने को जादू चलाया था।

फिर तुम क्या देखने गये थे? क्या कोई पुरुष जिसने बहुत उत्तम वस्त्र पहने हों? नहीं, वे लोग जो उत्तम वस्त्र पहनते हैं और जो विलास का जीवन जीते हैं, वे तो राज-भवनों में ही पाये जाते हैं।

किन्तु युवती-विधवाओं को इस सूची में सम्मिलित मत करो क्योंकि मसीह के प्रती उनके समर्पण पर जब उनकी विषय वासना पूर्ण इच्छाएँ हावी होती हैं तो वे फिर विवाह करना चाहती हैं।

इसके पश्चात् उसके पीछे एक और स्वर्गदूत आया और बोला, “उसका पतन हो चुका है, महान नगरी बाबुल का पतन हो चुका है। उसने सभी जातियों को अपने व्यभिचार से उत्पन्न क्रोध की वासनामय मदिरा पिलायी थी।”

धरती के राजाओं ने उसके साथ व्यभिचार किया है और वे जो धरती पर रहते हैं वे उसकी व्यभिचार की मदिरा से मतवाले हो गए।”

फिर उन्होंने अपने सिर पर धूल डालते हुए रोते-बिलखते कहा, ‘महानगरी! हाय यह कितना भयावह! हाय यह कितना भयानक। जिनके पास जलयान थे, सिंधु जल पर सम्पत्तिशाली बन गए, क्योंकि उसके पास सम्पत्ति थी पर अब बस घड़ी भर में नष्ट हो गयी।

दीप की किंचित किरण तुझमें कभी भी न चमकेगी, अब तुझमें किसी वर की किसी वधु की मधुर ध्वनि कभी न गुँजेगी। तेरे व्यापारी जगत के महामनुज थे तेरे जादू ने सब जातों को भरमाया।

क्योंकि जो महिमा और वैभव उसने स्वयं को दिया तुम उसी ढँग से उसे यातनाएँ और पीड़ा दो क्योंकि वह स्वयं अपने आप ही से कहती रही है, ‘मैं अपनी नृपासन विराजित महारानी मैं विधवा नहीं फिर शोक क्यों करूँगी?’

“जब धरती के राजा, जिन्होंने उसके साथ व्यभिचार किया और उसके भोग-विलास में हिस्सा बटाया, उसके जलने से निकलते धुआँ को देखेंगे तो वे उसके लिए रोयेंगे और विलाप करेंगे।




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