यहोवा कुपित होगा और जैसे उसने मिस्र के सागर को दो भागों में बाँट दिया था, उसी प्रकार परात नदी पर वह अपना हाथ उठायेगा और उस पर प्रहार करेगा। जिससे वह नदी सात छोटी धाराओं में बट जायेगी। ये छोटी जल धाराएँ गहरी नहीं होंगी। लोग अपने जूते पहने हुए ही पैदल चल कर उन्हें पार कर लेंगे।
“उत्तर में मैंने एक व्यक्ति को उठाया है। वह पूर्व से जहाँ सूर्य उगा करता है, आ रहा है। वह मेरे नाम की उपासना किया करता है। जैसे कुम्हार मिट्टी रौंदा करता है वैसे ही वह विशेष व्यक्ति राजाओं को रौंदेगा।”
मैं पर्वतों—पहाड़ियों को नष्ट कर दूँगा। मैं जो पौधे वहाँ उगते हैं। उनको सुखा दूँगा। मैं नदियों को सूखी धरती में बदल दूँगा। मैं जल के सरोवरों को सुखा दूँगा।
देखो, पूर्व दिशा से मैं एक व्यक्ति को बुला रहा हूँ। वह व्यक्ति एक उकाब के समान होगा। वह एक दूर देश से आयेगा और वह उन कामों को करेगा जिन्हें करने की योजना मैंने बनाई है। मैं तुम्हें बता रहा हूँ कि मैं इसे करूँगा और मैं उसे करूँगा ही। क्योंकि उसे मैंने ही बनाया है। मैं उसे लाऊँगा ही!
किन्तु इसलिये मैं, यहोवा, अश्शूर के राजा और उसकी समूची शक्ति को तुम्हारे विरोध में लेकर आऊँगा। वे परात नदी की भयंकर बाढ़ की तरह आयेंगे। यह ऐसा होगा जैसे किनारों को तोड़ती डुबोती नदी उफ़न पड़ती है।
अत: यहोवा कहता है, “यहूदा मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा। मैं यह निश्चय देखूँगा कि बाबुल को दण्ड मिले। मैं बाबुल के समुद्र को सुखा दूँगा और मैं उसके पानी के सोतों को सुखा दूँगा।
फिर मैंने देखा कि एक और स्वर्गदूत है जो पूर्व दिशा से आ रहा है। उसने सजीव परमेश्वर की मुहर ली हुई थी। तथा वह उन चारों स्वर्गदूतों से जिन्हें धरती और आकाश को नष्ट कर देने का अधिकार दिया गया था, ऊँचे स्वर में पुकार कर कह रहा था,