उस आकाशवाणी ने, जिसे मैंने सुना था, मुझसे फिर कहा, “जा और उस स्वर्गदूत से जो सागर में और धरती पर खड़ा है, उसके हाथ से उस खुली पोथी को ले ले।”
तब यदि तुम बुरे काम करोगे और बुरा जीवन जीओगे (दाहिनी ओर अथवा बायीं ओर) तो तुम अपने पीछे एक आवाज़ को कहते सुनोगे, “खरी राह यह है। तुझे इसी राह में चलना है।”
तब मैंने (यहेजकेल) एक भुजा को अपनी ओर बढ़ते देखा। वह एक गोल किया हुआ लम्बा पत्र जिस पर वचन लिखे थे, पकड़े हुए थे।
अपने हाथ में उसने एक छोटी सी खुली पोथी ली हुई थी। उसने अपना दाहिना चरण सागर में और बाँया चरण धरती पर रखा।