कुछ लोग शकेम की मीनार के पास रहते थे। जब उस स्थान के लोगों ने सुना कि शकेम के साथ क्या हुआ है तब वे सबसे अधिक सुरक्षित उस कमरे में इकट्ठे हो गए जो एलबरीत देवता का मन्दिर था।
एक दिन, जब सन्हेरीब अपने देवता निस्रोक के मन्दिर में उसकी पूजा कर रहा था, उसी समय उसके पुत्र अद्रम्मेलेक और शरेसेर ने तलवार से उसकी हत्या कर दी और फिर वे अरारात को भाग खड़े हुए। इस प्रकार सन्हेरीब का पुत्र एसर्हद्देन अश्शूर का नया राजा बन गया।
ज्योंही गिदोन मरा त्योंही इस्राएल के लोग फिर परमेश्वर के प्रति विश्वास रखने वाले न रहे। वे बाल का अनुसरण करने लगे। उन्होंने बालबरीत को अपना देवता बनाया।
एक दिन शकेम के लोग अपने बागों में अंगूर तोड़ने गाए। लोगों ने दाखमधु बनाने के लिये अगूरों को निचोड़ा और तब उन्होंने अपने देवता के मन्दिर पर एक दावत दी। लोगों ने खाया और दाखमधु पी। तब अबीमेलेक को अभिशाप दिया।
इसलिए शकेम के प्रमुखों ने अबीमेलेक को सत्तर चाँदी के टुकड़े दिये। वह चाँदी बालबरोत देवता के मन्दिर की थी। अबीमेलेक ने चाँदी का उपयोग कुछ व्यक्तियों को काम पर लगाने के लिये किया। ये व्यक्ति खूँखार और बेकार थे। वे अबीमेलेक के पीछे, जहाँ कहीं वह गया, चलते रहे।