“हे यहोवा! इस तरह तेरे, सब शत्रु मर—मिट जायें। किन्तु वे लोग सब जो प्यार करते हैं तुझको ज्वलित दीप्त सूर्य सम शक्तिशाली बने!” इस प्रकार उस प्रदेश में चालीस वर्ष तक शान्ति रही।
राजा ने कुशी से पूछा, “क्या युवक अबशालोम कुशल से है?” कुशी ने उत्तर दिया, “मुझे आशा है कि आपके शत्रु और सभी लोग जो आपके विरुद्ध चोट करने आयेंगे, वे इस युवक (अबशालोम) की तरह सजा पायेंगे।”
अम्बर के एक छोर से सूर्य चल पड़ता है और उस पार पहुँचने को, वह सारी राह दौड़ता ही रहता है। ऐसी कोई वस्तु नहीं जो अपने को उसकी गर्मी से छुपा ले। यहोवा के उपदेश भी ऐसे ही होते है।
किन्तु तू मुझको बलशाली बनाएगा। मैं शक्तिशाली मेंढ़े सा बन जाऊँगा जिसके कड़े सिंग होते हैं। तूने मुझे विशेष काम के लिए चुना है। तूने मुझ पर अपना तेल ऊँडेला है जो शीतलता देता है।
जो लोग यहोवा से प्रेम रखते हैं, वे पाप से घृणा करते हैं। इसलिए परमेश्वर अपने अनुयायियों की रक्षा करता है। परमेश्वर अपने अनुयायियों को दुष्ट लोगों से बचाता है।
किन्तु मैं उन व्यक्तियों पर बहुत कृपालू रहूँगा जो मुझसे प्रेम करेंगे और मेरे आदेशों को मानेंगे। मैं उनके परिवारों के प्रति सहस्रों पीढ़ी तक कृपालु रहूँगा।
आकाश की भव्यता के समान बुद्धिमान पुरूष चमक उठेंगे। ऐसे बुद्धिमान पुरूष जिन्होंने दूसरों को अच्छे जीवन की राह दिखाई थी, अनन्त काल के लिये तारों के समान चमकने लगेंगे।’
आओ, यहोवा के विषय में जानकारी करें। आओ, यहोवा को जानने का कठिन जतन करें। हमको इसका पता है कि वह आ रहा है वैसे ही जैसे हम को ज्ञान है कि प्रभात आ रहा है। यहोवा हमारे पास वैसे ही आयेगा जैसे कि बसंत कि वह वर्षा आती है जो धरती को सींचती है।
और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।
“इसलिए याद रखो कि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर ही एकमात्र परमेश्वर है, और वही विश्वसनीय है! वह अपनी वाचा को पूरा करता है। वह उन सभी लोगों से प्रेम करता तथा उन पर दया करता है जो उससे प्रेम करते और उसके आदेशों का पालन करते हैं। वह हजारों पीढ़ीयों तक प्रेम और दया करता रहता है।
वह व्यक्ति धन्य है जो परीक्षा में अटल रहता है क्योंकि परीक्षा में खरा उतरने के बाद वह जीवन के उस विजय मुकुट को धारण करेगा, जिसे परमेश्वर ने अपने प्रेम करने वालों को देने का वचन दिया है।
हे मेरे प्यारे भाईयों, सुनो क्या परमेश्वर ने संसार की आँखों में उन निर्धनों को विश्वास में धनी और उस राज्य के उत्तराधिकारी के रूप में नहीं चुना, जिसका उसने, जो उसे प्रेम करते हैं, देने का वचन दिया है।
यद्यपि तुमने उसे देखा नहीं है, फिर भी तुम उसे प्रेम करते हो। यद्यपि तुम अभी उसे देख नहीं पा रहे हो, किन्तु फिर भी उसमें विश्वास रखते हो और एक ऐसे आनन्द से भरे हुए हो जो अकथनीय एवं महिमामय है।
उसके हेतु आनन्द मनाओ तुम हे स्वर्ग! प्रेरित! और नबियों! तुम परमेश्वर के जनों आनन्द मनाओ! क्योंकि प्रभु ने उसको ठीक वैसा दण्ड दे दिया है जैसा वह दण्ड उसने तुम्हें दिया था।’”
ऊँचे स्वर में पुकारते हुए उन्होंने कहा, “हे पवित्र एवम् सच्चे प्रभु! हमारी हत्याएँ करने के लिए धरती के लोगों का न्याय करने को और उन्हें दण्ड देने के लिए तू कब तक प्रतीक्षा करता रहेगा?”