अबशालोम के सेवक उस घर की स्त्री के पास आए। उन्होंने पूछा, “योनातन और अहीमास कहाँ हैं?” उस स्त्री ने अबशालोम के सेवकों से कहा, “वे पहले ही नाले को पार कर गए हैं।” अबशालोम के सेवक तब योनातन और अहीमास की खोज में चले गए। किन्तु वे उनको न पा सके। अत: अबशालोम के सेवक यरूशलेम लौट गए।
सीसरा ने याएल से कहा, “मैं प्यासा हूँ। कृपया मुझे पीने को थोड़ा पानी दो।” इसलिए याएल ने एक मशक खोला, जिसमें उसने दूध रखा था और उसने पीने को दिया। तब उसने सीसरा को ढक दिया।
किन्तु हेबेर की पत्नी याएल ने एक तम्बू की खूँटी और हथौड़ा लिया। याएल चुपचाप सीसरा के पास गई। सीसरा बहुत थका था अतः वह सो रहा था। याएल ने तम्बू की खूँटी को सीसरा के सिर की एक ओर रखा और उस पर हथौड़े से चोट की। तम्बू की खूँटी सीसरा के सिर की एक ओर से होकर जमीन में धँस गई और इस तरह सीसरा मर गया।