उसी दिन राजा सुलैमान ने मन्दिर के सामने का आँगन समर्पित किया। उसने होमबलि, अन्नबलि और मेलबलि के रूप में काम आये जानवरों की चर्बी की भेंटें चढ़ाई। राजा सुलैमान ने ये भेंटें आँगन में चढ़ाई। उसने यह इसलिये किया कि इन सारी भेंटों को धारण करने के लिये यहोवा के सामने की काँसे की वेदी अत्याधिक छोटी थी।