सवेरे लेवीवंशी व्यक्ति उठा और उसने घर का दरवाजा खोला। वह अपने रास्ते जाने के लिये बाहर निकला। किन्तु वहाँ उसकी रखैल पड़ी थी। वह घर के रास्ते पर पड़ी थी। उसके हाथ दरवाज़े की ड्योढ़ी पर थे।
तब यहोवा का तेज करुब (स्वर्गदूत) से अलग होकर मन्दिर के द्वार पर चला गया। तब बादल मन्दिर में भर गया और यहोवा के तेज की प्रखर ज्योति पूरे आँगन में भर गई।