इसलिये वे गिबा में ठहरे। उन्होंने उस नगर में रात बिताने की योजना बनाई। वे नगर में मुख्य सार्वजनिक चौराहे में गए और वहाँ बैठ गए। किन्तु किसी ने उन्हें रात बिताने के लिए अपने घर आमन्त्रित नहीं किया।
यह राज्य तुम्हारा है क्योंकि मैं भूखा था और तुमने मुझे कुछ खाने को दिया, मैं प्यासा था और तुमने मुझे कुछ पीने को दिया। मैं पास से जाता हुआ कोई अनजाना था, और तुम मुझे भीतर ले गये।
मैं अजनबी था पर तुम मुझे भीतर नहीं ले गये। मैं कपड़ों के बिना नंगा था, पर तुमने मुझे कपड़े नहीं पहनाये। मैं बीमार और बंदी था, पर तुमने मेरा ध्यान नहीं रखा।’
उस सन्ध्या को एक बूढ़ा व्यक्ति अपने खेतों से नगर में आया। उसका घर एप्रैम प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में था। किन्तु अब वह गिबा नगर में रह रहा था। (गिबा के लोग बिन्यामीन के परिवार समूह के थे।)
लेवीवंशी व्यक्ति ने उत्तर दिया, “यहूदा प्रदेश के बेतलेहेम नगर से हम लोग यात्रा कर रहे हैं। हम अपने घर जा रहे हैं। हम एप्रैम प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र के दूर के भाग के निवसी हैं। मैं यहूदा प्रदेश में बेतलेहेम को गया था। अब मैं अपने घर जा रहा हूँ।