उसका न तो काई नायक है, न ही कोई निरीक्षक न ही कोई शासक है।
“अय्यूब, क्या तू सिंहनी का भोजन पा सकता है? क्या तू भूखे युवा सिंह का पेट भर सकता है?
टिड्डियों का कोई भी राजा नहीं होता है फिर भी वे पंक्ति बाँध कर एक साथ आगे बढ़ती हैं।
फिर भी वह ग्रीष्म में भोजन बटोरती है और कटनी के समय खाना जुटाती है।