यदि कोई चोर कभी भूखों मरता हो, यदि यह भूख को मिटाने के लिये चोरी करे तो लोग उस से घृणा नहीं करेंगे। फिर भी यदि वह पकड़ा जाये तो उसे सात गुणा भरना पड़ता है चाहे उससे उसके घर का समूचा धन चुक जाये।
कहीं ऐसा न हो जाये बहुत कुछ पा करके मैं तुझको त्याग दूँ; और कहने लगूँ “कौन परमेश्वर है” और यदि निर्धन बनूँ और चोरी करूँ, और इस प्रकार मैं अपने परमेश्वर के नाम को लजाऊँ।
या जिस किसी के बारे में झुठा वचन दिया हो, वह उसे लौटान चाहिए। उसे पूरा मूल्य चुकाना चाहिए और तब उसे वस्तु के मूल्य का पाँचवाँ हिस्सा अतिरिक्त देना चाहिए। उसे असली मालिक को धन देना चाहिए। उसे यह उसी दिन करना चाहिए जिस दिन वह दोषबलि लाए।