तुम कहते रहोगे, “थोड़ा सा और सो लूँ, एक झपकी ले लूँ, थोड़ा सुस्ताने को हाथों पर हाथ रख लूँ।”
आलस्य गहन घोर निद्रा देता है किन्तु वह आलसी भूखा मरता है।
निद्रा से प्रेम मत कर दरिद्र हो जायेगा; तू जागता रह तेरे पास भरपूर भोजन होगा।
क्योंकि ये पियक्कड़ और ये पेटू दरिद्र हो जायेंगे, और यह उनकी खुमारी, उन्हें चिथड़े पहनायेगी।
अरे ओ आलसी, चींटी के पास जा। उसकी कार्य विधि देख और उससे सीख ले।
अरे ओ दीर्घ सूत्री, कब तक तुम यहाँ पड़े ही रहोगे? अपनी निद्रा से तुम कब जाग उठोगे?
कुछ लोग कहा करते हैं कि हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहना और कुछ नहीं करना मूर्खता है। यदि तुम काम नहीं करोगे तो भूखे मर जाओगे।