क्योंकि जो उन्हें पाते हैं उनके लिये वे जीवन बन जाते हैं और वे एक पुरुष की समपूर्ण काया का स्वास्थ्य बनते हैं।
अविचारित वाणी तलवार सी छेदती, किन्तु विवेकी की वाणी घावों को भरती है।
मीठी वाणी छत्ते के शहद सी होती है, एक नयी चेतना भीतर तक भर देती है।
वे तो तेरे लिये जीवन बन जायेंगे, और तेरे कंठ को सजाने का एक आभूषण।
इससे तेरा शरीर पूर्ण स्वस्थ रहेगा और तेरी अस्थियाँ पुष्ट हो जायेंगी।
सुन, हे मेरे पुत्र। जो मैं कहता हूँ तू उसे ग्रहण कर! तू अनगिनत सालों साल जीवित रहेगा।
मुझे सिखाते हुये उसने कहा था—मेरे वचन अपने पूर्ण मन से थामे रह। मेरे आदेश पाल तो तू जीवन रहेगा।
क्योंकि जो मुझको पा लेता वही जीवन पाता और वह यहोवा का अनुग्रह पाता है।
“‘किन्तु उसके बाद मैं उस नगर में लोगों को स्वस्थ बनाऊँगा। मैं उन लोगों को शान्ति और सुरक्षा का आनन्द लेने दूँगा।