यूसुफ ने हर एक भाई को एक एक जोड़ा सुन्दर वस्त्र दिया। किन्तु यूसुफ ने बिन्यामीन को पाँच जोड़े सुन्दर वस्त्र दिए और यूसुफ ने बिन्यामीन को तीन सौ चाँदी के सिक्के भी दिए।
जो कोई उसके सामने खुशी के गीत गाता है जिसका मन भारी है। वह उसको वैसा लगता है जैसे जोड़े में कोई कपड़े उतार लेता अथवा कोई फोड़े के सफफ पर सिरका उंडेला हो।
उनके रथ गलियों में भयंकर रीति से भागते हैं। वे खुले मैदानों में सुलगती मशालों से दिखते हुये वेग से पीछे और आगे को दौड़ रहे हैं। वे ऐसे लगते हैं जैसे यहाँ वहाँ बिजली कड़क रही हो!