उनके पूर्वजों के यहोवा परमेश्वर ने अपने लोगों को चेतावनी देने के लिये बार बार सन्देशवाहक को भेजा। यहोवा ने यह इसलिये किया कि उसे उन पर करुणा थी और मन्दिर के लिये दु:ख था। यहोवा उनको या अपने मन्दिर को नष्ट नहीं करना चाहता था।
हर समय करने के लिये तुम्हारे पास काम है। इसे तुम जितनी उत्तमता से कर सकते हो करो। कब्र में तो कोई काम होगा ही नहीं। वहाँ न तो चिन्तन होगा, न ज्ञान और न विवेक और मृत्यु के उस स्थान को हम सभी तो जा रहे हैं।
इस पर यीशु ने कहा, “तो फिर ऐसा विश्वास-पात्र, बुद्धिमान प्रबन्ध-अधिकारी कौन होगा जिसे प्रभु अपने सेवकों के ऊपर उचित समय पर, उन्हें भोजन सामग्री देने के लिये नियुक्त करेगा?
दूसरे दिन सवेरे यहोशू और इस्राएल के सभी लोग उठे और शित्तीम को उन्होंने छोड़ दिया। उन्होंने यरदन नदी तक यात्रा की। उन्होंने पार करने के पहले यरदन नदी पर डेरे लगाए।