गर्वीली चाल से चलता हुआ मुर्गा और एक बकरा और वह राजा जो अपनी सेना के मध्य है।
राजा का कोप मृत्यु का दूत होता है किन्तु ज्ञानी जन से ही वह शांत होगा।
राजा का सिंह की दहाड़ सा कोप होता है, जो उसे कुपित करता प्राण से हाथ धोता है।
एक सिंह, जो सभी पशुओं में शक्तिशाली होता है, जो कभी किसी से नहीं डरता;
तूने यदि कभी कोई मूर्खता का आचरण किया हो, और अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बना हो अथवा तूने कभी कुचक्र रचा हो तो तू अपना मुँह अपने हाथों से ढक ले।