आलसी करता रहता है, काम नहीं करने के बहाने कभी वह कहता है सड़क पर सिंह है।
आलसी की राह कांटों से रुधी रहती, जबकि सज्जन का मार्ग राजमार्ग होता है।
आलस्य गहन घोर निद्रा देता है किन्तु वह आलसी भूखा मरता है।
काम नहीं करने के बहाने बनाता हुआ आलसी कहता है, “बाहर बैठा है सिंह” या “गलियों में मुझे मार डाला जायेगा।”
अरे ओ आलसी, चींटी के पास जा। उसकी कार्य विधि देख और उससे सीख ले।
सो मैं डर गया था इसलिए मैंने जाकर चाँदी के सिक्कों की थैली को धरती में गाड़ दिया। यह ले जो तेरा है यह रहा, ले लो।’