किन्तु क्या प्राय: ऐसा होता है कि दुष्ट जन का प्रकाश बुझ जाया करता है? कितनी बार दुष्टों को दु:ख घेरा करते हैं? क्या परमेश्वर उनसे कुपित हुआ करता है, और उन्हें दण्ड देता है?
वे समुद्र की ऐसी भयानक लहरें हैं, जो अपने लज्जापूर्ण कार्यों का झाग उगलती रहती हैं। वे इधर-उधर भटकते ऐसे तारे हैं जिनके लिए अनन्त गहन अंधकार सुनिश्चित कर दिया गया है।