झंझट झमेलों भरे घर की दावत से चैन और शान्ति का सूखा रोटी का टुकड़ा उत्तम है।
थोड़े से भले लोग, दुर्जनों की भीड़ से भी उत्तम है।
बैचेनी के साथ प्रचुर धन उत्तम नहीं, यहोवा का भय मानते रहने से थोड़ा भी धन उत्तम है।
घृणा के साथ अधिक भोजन से, प्रेम के साथ थोड़ा भोजन उत्तम है।
अन्याय से मिले अधिक की अपेक्षा, नेकी के साथ थोड़ा मिला ही उत्तम है।
बुद्धिमान दास एक ऐसे पुत्र पर शासन करेगा जो घर के लिए लज्जाजनक होता है। बुद्धिमान दास वह पुत्र के जैसा ही उत्तराधिकार पानें में सहभागी होगा।
चिड़चिड़ी झगड़ालू पत्नी के संग रहने से निर्जन बंजर में रहना उत्तम है।
झगड़ालू पत्नी के संग घर में निवास से, छत के किसी कोने पर रहना अच्छा है।
“आज मुझे मौत्री भेंट अर्पित करनी थी। मैंने अपनी मन्नत पूरी कर ली है। मैंने जो प्रतिज्ञा की थी, दे दिया है। उसका कुछ भाग मैं घर ले जा रही हूँ। अब मेरे पास बहुतेरे खाने के लिये है!