इसलिए इस्राएल के लोगों से कहो कि मैं उनसे कहता हूँ, ‘मैं यहोवा हूँ। मैं तुम लोगों की रक्षा करूँगा। मैं तुम लोगों को स्वतन्त्र करूँगा। तुम लोग मिस्रियों के दास नहीं रहोगे। मैं अपनी महान शक्ति का उपयोग करूँगा और मिस्रियों को भयंकर दण्ड दूँगा। तब मैं तुम लोगों को बचाऊँगा।
मैंने इब्राहीम, इसहाक और याकूब से बड़ी प्रतिज्ञा की थी। मैंने उन्हें विशेष प्रदेश देने का वचन दिया था। इसलिए मैं तुम लोगों को उस प्रदेश तक ले जाऊँगा। मैं वह प्रदेश तुम लोगों को दूँगा। वह तुम लोगों का होगा। मैं यहोवा हूँ।’”
मूसा वह नहीं है जो गेहूँ है। ठीक उसी प्रकार उन नबियों के स्वप्न मेरे सन्देश नहीं हैं। यदि कोई व्यक्ति अपने स्वप्नों को कहना चाहता है तो उसे कहने दो। किन्तु उस व्यक्ति को मेरे सन्देश को सच्चाई से कहने दो जो मेरे सन्देश को सुनता है।
यहोवा ने कहा, “यिर्मयाह, यहोवा के मन्दिर के आँगन में खड़े होओ। यहूदा के उन सभी लोगों को यह सन्देश दो जो यहोवा के मन्दिर में पूजा करने आ रहे हैं। तुम उनसे वह सब कुछ कहो जो मैं तुमसे कहने को कह रहा हूँ। मेरे सन्देश के किसी भाग को मत छोड़ो।
तब तुम अपने उन सभी लोगों के बीच जाओ जो देश—निष्कासित हैं। उनके पास जाओ और कहो, ‘हमारा स्वामी यहोवा ये बातें कहता है,’ वे मेरी नहीं सुनेंगे और वे पाप करना बन्द नहीं करेंगे। किन्तु तुम्हें ये बातें कहनी हैं।”
“मनुष्य के पुत्र, मैं तुम्हें इस्राएल का सन्तरी बना रहा हूँ। मैं उन बुरी घटनाओं को बताऊँगा जो उनके साथ घटित होंगी और तुम्हें इस्राएल को उन घटनाओं के बारे में चेतावनी देनी चाहिए।