मिस्र के लोग इस्राएल के लोगों का जीवन कठिन बनाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस्राएल के लोगों पर दास—स्वामी नियुक्त किए। उन स्वामियों ने फ़िरौन के लिए पितोम और रामसेस नगरों को बनाने के लिए इस्राएली लोगों को विवश किया। उन्होंने इन नगरों में अन्न तथा अन्य चीज़ें इकट्ठी कीं।
मिस्री दास स्वामियों ने हिब्रू कार्य—प्रबन्धक चुन रखे थे और उन्हें लोगों के काम का उत्तरदायी बना रखा था। मिस्री दास स्वामी इन कार्य—प्रबन्धकों को पीटते थे और उनसे कहते थे, “तुम उतनी ही ईंटें क्यों नहीं बनाते जितनी पहले बना रहे थे। जब तुम यह काम पहले कर सकते थे तो तुम इसे अब भी कर सकते हो।”