तू बहुत ही दयालु है! इसलिये तूने उन्हें मरुस्थल में त्यागा नहीं। दूर उनसे हटाया नहीं दिन में तूने बादल के खम्भें को मार्ग तू दिखाता रहा उनको। और रात में तूने था दूर किया नहीं उनसे अग्नि के पुंज को! प्रकाशित तू करता रहा रास्ते को उनके। और तू दिखाता रहा कहाँ उन्हें जाना है!
यदि बादल तम्बू के ऊपर दो दिन या एक महीना या एक वर्ष ठहरता था तो लोग यहोवा के आदेश का पालन करते रहते थे। वे उसी डेरे में ठहरते थे और तब तक नहीं चलते थे, जबतक बादत नहीं चलता था। जब बादल अपने स्थान से उठता और चलता तब लोग भी चलते थे।