चोग़े के बीचोंबीच एक छेद था। इस छेद के चारों ओर कपड़े की गोट लगी थी। यह गोट छेद को फटने से बचाती थी।
सिर के लिए इस कपड़े के बीचोबीच एक छेद बनाओ। इस छेद के चारों ओर गोट लगाओ जिससे यह फटे नहीं।
तब उन्होंने सन के उत्तम रेशों, नीले, लाल और बैंगनी कपड़े से फुँदने बनाए जो अनार के आकार के नीचे लटके थे। उन्होंने इन अनारों को चोग़े के नीचे के सिरे पर चारों ओर बाँधा।