कारीगरों ने नीले, लाल और बैंगनी कपड़ों के विशेष वस्त्र याजकों के लिए बनाए जिन्हें वे पवित्र स्थान में सेवा के समय पहनेंगे। उन्होंने हारून के लिए भी वैसे ही विशेष वस्त्र बनाये जैसा यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था।
यहोवा ने मूसा से कहा, “पवित्त्र तम्बू दस कनातों से बनाओ। इन कनातों को अच्छे रेशम तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़ों से बनाओ। किसी कुशल कारीगर को चाहिए कि वह करूबों को पंख सहित कनातों पर काढ़े।
और विशेष बुने वस्त्र जिन्हें याजक पवित्र स्थानों में पहनेंगे। ये विशेष वस्त्र याजक हारून और उसके पुत्रों के पहनने के लिए हैं वे इन वस्त्रों को तब पहनेंगे जब वे याजक के रूप में सेवा—कार्य करेंगे।”
हर व्यक्ति जिसके पास सन के उत्तम रेशे, नीला, बैंगनी और लाल कपड़ा था वह इन्हें यहोवा के पास लाया। वह व्यक्ति जिसके पास बकरी के बाल, लाल रंग से रंगी भेड़ की खाल, सुइसों की खाल थी उसे वह यहोवा के पास लाया।
इसका उपयोग आँगन के चारों ओर की कनातों के आधारों और प्रवेश द्वार की कनातों के आधारों के लिए भी हुआ। और काँसे का उपयोग तम्बू के लिये खूँटियों को बनाने और आँगन के चारों ओर की कनातों के लिए हुआ।
तब उन्होंने मूसा को पवित्र स्थान में सेवा करने वाले याजकों के लिये बने वस्त्रों को दिखाया। वे उन वस्त्रों को तब पहनते थे जब वे याजक के रूप में सेवा करते थे।
याजक पवित्र—क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। किन्तु बाहरी आँगन में जाने के पहले वे अपने सेवा वस्त्र पवित्र स्थान में रख देंगे। क्यों क्योंकि ये वस्त्र पवित्र है। यदि याजक चाहता है कि वह मन्दिर के उस भाग में जाए जहाँ अन्य लोग हैं तो उसे उन कमरों में जाना चाहिए और अन्य वस्त्र पहन लेना चाहिए।”
बकरों और बछड़ों के लहू को लेकर उसने प्रवेश नहीं किया था बल्कि सदा-सर्वदा के लिए भेंट स्वरूप अपने ही लहू को लेकर परम पवित्र स्थान में प्रविष्ट हुआ था। इस प्रकार उसने हमारे लिए पापों से अनन्त छुटकारे सुनिश्चित कर दिए हैं।
और न ही अपना बार-बार बलिदान चढ़ाने के लिए उसने स्वर्ग में उस प्रकार प्रवेश किया जैसे महायाजक उस लहू के साथ, जो उसका अपना नहीं है, परम पवित्र स्थान में हर साल प्रवेश करता है।