खम्भों के आधार काँसे के बने थे। छल्लों और कनातों की छड़े चाँदी की बनी थीं। खम्भों के सिरे भी चाँदी से मढ़े थे। आँगन के सभी खम्भे कनात की चाँदी की छड़ों से जुड़े थे।
आँगन के प्रवेश द्वार की कनात सन के उत्तम रेशों और नीले, लाल तथा बैंगनी कपड़े की बनी थी। इस पर कढ़ाई कढ़ी हुई थी। कनात दस गज लम्बी और ढाई गज ऊँची थी। ये उसी ऊँचाई की थी जिस ऊँचाई की आँगन की चारों ओर की कनातें थीं।
मरारी लोगों को पवित्र तम्बू के ढाँचे की देखभाल का कार्य सौंपा गया। वे सभी छड़ों, खम्बों, आधारों और पवित्र तम्बू के ढाँचे में जो कुछ लगा था, उन सब की दखभाल करते थे।
उन्हें आँगन के चारों ओर के खम्भों को भी ले चलना चाहिए। उन्हें उन तम्बू की खूंटियों, रस्सियों और वे सभी चीजें जिनका उपयोग आँगन के चारों ओर के खम्भों के लिए होता है, ले चलना चाहिए। नामों की सूची बनाओ और हर एक व्यक्ति को बताओ कि उसे क्या—क्या चीज़े ले जाना है।