उसने एक करूब को एक ओर तथा दूसरे को दूसरी ओर लगाया। करूब को ढक्कन से एक बनाने के लिये जोड़ दिया गया।
तब बसलेल ने सोने को पीट कर दो करूब बनाए। उसने ढक्कन के दोनों छोरो पर करूब लगाये।
करूबों के पंख आकाश की ओर उठा दिए गए। करूबों ने सन्दूक को अपने पंखों से ढक लिया। करूब एक दूसरे के सामने ढक्कन को देख रहे थे।