उसने सोने के दो कड़े वेदी के लिये बनाए। उसने सोने के कड़ों को वेदी के हर ओर की झालर से नीचे रखा। इन कड़ों में वेदी को ले जाने के लिये बल्लियाँ डाली जाती थीं।
हर एक पाए पर एक कड़ा लगा दो। जो मेज़ के ऊपर की चारों ओर की सजावट के समीप हो। इन कड़ों में मेज़ को ले जाने के लिए बनी बल्लियाँ फँसी होंगी।
उसने सिरे, सभी बाजुओं और सींगो को शुद्ध सोने के पतरे से मढ़ा। तब उसने वेदी के चारों ओर सोने की झालर लगाई।
तब उसने बबूल की लकड़ी की बल्लियाँ बनाईं और उन्हें सोने से मढ़ा।