उसने मेज को शुद्ध सोने से मढ़ा। उसने सोने की सजावट मेज के चारों ओर की।
तब बसलेल ने बबूल की लकड़ी की मेज बनाई। मेज़ छत्तीस इंच लम्बी, अट्ठारह इंच चौड़ी और सत्ताईस इंच ऊँची थी।
तब उसने मेज के चारों ओर एक किनार बनायी। यह किनार लगभग तीन इंच चौड़ी थी। उसने किनार पर सोने की झालर लगाई।