मेरी यह कामना है काश! मैं जिन बातों को कहता उन्हें किसी लोहे की टाँकी से सीसे पर लिखा जाता, अथवा उनको चट्टान पर खोद दिया जाता, ताकि वे सदा के लिये अमर हो जाती।
इस प्रकार परमेश्वर ने मूसा से सीनै पर्वत पर बात करना समाप्त किया। तब परमेश्वर ने उसे आदेश लिखे हुए दो समतल पत्थर दिए। परमेश्वर ने अपनी उगुलियों का उपयोग किया और पत्थर पर उन नियमों को लिखा।
तब यहोवा ने मूसा से कहा, “दो और समतल चट्टानें ठीक वैसी ही बनाओ जैसी पहली दो थीं जो टूट गईं। मैं इन पर उन्हीं शब्दों को लिखूँगा जो पहले दोनों पर लिखे थे।
इसलिए मूसा ने पहले पत्थरों की तरह पत्थर की दो समतल पटिट्याँ बनाईं। तब अगले सवेरे ही वह सीनै पर्वत पर गया। उसने हर एक चीज़ यहोवा के आदेश के अनुसार की। मूसा अपने साथ पत्थर की दोनों समतल पट्टियाँ ले गया।
और तुम भी तो ऐसा ही दिखाते हो मानो तुम मसीह का पत्र हो। जो हमारी सेवा का परिणाम है। जिसे स्याही से नहीं बल्कि सजीव परमेश्वर की आत्मा से लिखा गया है। जिसे पथरीली शिलाओं पर नहीं बल्कि मनुष्य के हृदय पटल पर लिखा गया है।
किन्तु वह सेवा जो मृत्यु से युक्त थी यानी व्यवस्था का विधान जो पत्थरों पर अंकित किया गया था उसमें इतना तेज था कि इस्राएल के लोग मूसा के उस तेजस्वी मुख को एकटक न देख सके। (और यद्यपि उसका वह तेज बाद में क्षीण हो गया।)
यह है वह वाचा जिसे मैं इस्राएल के घराने से करूँगा। और फिर उसके बाद प्रभु घोषित करता है। उनके मनों में अपनी व्यवस्था बसाऊँगा, उनके हृदयों पर मैं उसको लिख दूँगा। मैं उनका परमेश्वर बनूँगा, और वे मेरे जन होंगे।