दाऊद ने गिबोनी से कहा, “मैं आप लोगों के लिये क्या कर सकता हूँ? इस्राएल के पापों को धोने के लिये मैं क्या कर सकता हूँ जिससे आप लोग यहोवा के लोगों को आशीर्वाद दे सकें?”
परमेश्वर प्रमुखों से अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक प्रेम नहीं करता, और परमेश्वर धनिकों की अपेक्षा गरीबों से अधिक प्रेम नहीं करता है। क्योंकि सभी परमेश्वर ने रचा है।
“इस्राएल के लोगों को गिनो जिससे तुम जानोगे कि वहाँ कितने लोग हैं। जब कभी यह किया जाएगा हर एक व्यक्ति अपने जीवन के लिए यहोवा को धन देगा। यदि हर एक व्यक्ति यह करेगा तो लोगों के साथ कोई भी भयानक घटना घटित नहीं होगी।
इस्राएल के लोगों से यह धन इकट्ठा करो। मिलापवाले तम्बू में सेवा के लिए इसका उपयोग करो। यह भुगतान यहोवा के लिए अपने लोगों को याद करने का एक तरीका होगा। वे अपने जीवन के लिए भुगतान करते रहेंगे।”
यह चाँदी उनके द्वारा कर वसूल करने से आई। लेवी पुरुषों ने बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों की गणना की। छः लाख तीन हज़ार पाँच सौ पचास लोग थे और हर एक पुरुष को एक बेका चाँदी कर के रूप में देनी थी। (मन्दिर के अधिकारिक बाट के अनुसार एक बेका आधा शेकेल होता था।)
क्यों? क्योंकि प्राणी का जीवन खून में है। मैंने तुम्हें उस खून को वेदी पर डालने का नियम दिया है। तुम्हें अपने को शुद्ध करने के लिए यह करना चाहिए। तुम्हें वह खून उस जीवन के बदले में मुझे देना होगा जो तुम लेते हो।
इसलिए हम लोग हर एक सैनिक से यहोवा की भेंट ला रहे हैं। हम लोग सोने की चीज़ें बाजूबन्द, शुजबन्द, अंगूठी, कान की बालियाँ और हार ला रहे हैं। यहोवा को ये भेंटें हमारे पापों के भुगतान के लिए हैं।”
हे स्वामियों, तुम भी अपने सेवकों के साथ वैसा ही व्यवहार करो और उन्हें डराना-धमकाना छोड़ दो। याद रखो, उनका और तुम्हारा स्वामी स्वर्ग में है और वह कोई पक्षपात नहीं करता।