आहाज ने याजक ऊरिय्याह को आदेश दिया। उसने कहा, “विशाल वेदी का उपयोग सवेरे की होमबलियों को जलाने के लिये, सन्ध्या की अन्नबलि के लिये और इस देश के सभी लोगों की पेय भेंट के लिये करो। होमबलि और बलियों का सारा खून विशाल वेदी पर छिड़को। किन्तु मैं काँसे की वेदी का उपयोग परमेश्वर से प्रश्न पूछने के लिये करूँगा।”
वे होमबलि चढ़ाते हैं और धूप की सुगन्धि यहोवा को हर सुबह— शाम जलाते हैं। वे मन्दिर में विशेष मेज पर रोटियाँ पंक्तियों में रखते भी हैं और वे सोने के दीपाधार पर रखे हुए दीपकों की देखभाल करते हैं ताकि हर संध्या को वह प्रकाश के साथ चले। हम लोग यहोवा, अपने परमेश्वर की सेवा सावधानी के साथ करते हैं। किन्तु तुम लोगों ने उसको छोड़ दिया है।
जब तुम पहले मेमने को मारो, दो पौण्ड गेहूँ का महीन आटा भी भेंट चढ़ाओ। गेहूँ के आटे को एक क्वार्ट भेंट स्वरूप दाखमधु में मिलाओ। जब तुम दूसरे मेमने को सन्ध्या के समय मारो तब दो पौण्ड महीन आटा भी भेंट में चढ़ाओ और एक क्वार्ट दाखमधु भी भेंट करो। यह वैसा ही है जैसा तुमने प्रातः काल किया था। यह यहोवा को भोजन की भेंट होगी। जब तुम उस भेंट को जलाओगे तो यहोवा इसकी सुगन्ध लेगा और यह उसे प्रसन्न करेगी।