पाँचों कुण्डियों के बीच की कुण्डी तख़्तों के मध्य में होनी चाहिए। यह कुण्डी तख़्तों के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुँचनी चाहिए।
और तम्बू के दूसरे भाग के ढाँचे के लिए पाँच कुण्डियाँ होंगी। और तम्बू के (पश्चिमी भाग) के ढाँचे के लिए पाँच कुण्डियाँ होंगी अर्थात् तम्बू के पीछे।
“तख़्तों को सोने से मढ़ो और तख़्तों की कुण्डियों को फँसाने के लिए कड़े बनवाओ। ये कड़े भी सोने के ही बनने चाहिए। कुण्डियों को भी सोने से मढ़ो।
उसमें बीच की कड़ियाँ ऐसी बनाईं जो तख्तों में से एक दूसरे से होकर एक दूसरे तक जाती थीं।